पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना 2009 में अन्य नए केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ संसद के एक अधिनियम (2009 की संख्या 25) द्वारा की गई है। केंद्रीय विश्वविद्यालय ने 15 वर्षों की उल्लेखनीय यात्रा पूर्ण किया है। विश्वविद्यालय को नैक द्वारा 2023 में 'ए+' ग्रेड की मान्यता प्राप्त है। इसके साथ फॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की विश्वविद्यालय श्रेणी में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 में क्रमशः 95वां, 87वां, 84वां और 81वां स्थान प्राप्त किया है। इसे उच्चतम प्रति व्यक्ति अनुसंधान वित्त-पोषण का श्रेय दिया जाता है। विश्वविद्यालय का एकीकृत और अनुभाग-विषय में अनुदेशात्मक और अनुसंधान सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने, शिक्षण, सीखने और अनुसंधान में नवाचार को बढ़ावा देने तथा नए विचारों, नई प्रौद्योगिकियों और नए वैश्विक -विचारों को आत्मसात करने का ध्येय है। इसका उद्देश्य शिक्षा, उद्योग और व्यवसाय की आवश्यकताओं के अनुरूप क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक जरूरतों के प्रति उत्तरदायी कार्यबल बनाना है। विश्वविद्यालय समर्थ परियोजना के माध्यम से ई-शासन का सहारा ले रहा है। संकाय सदस्यों को कार्य गति समय को कम करने, निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और शासन के भागीदारी प्रतिरूप को सुनिश्चित करने के लिए इक्कीस प्रशासनिक केंद्रों में प्रशिक्षित किया गया है।