राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ
भारत सरकार की राजभाषा नीति के क्रियान्वयन हेतु राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ की स्थापना वर्ष 2011 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा तीन पदों (अर्थात् हिंदी अधिकारी, हिंदी अनुवादक और हिंदी टाइपिस्ट) की स्वीकृति से की गई थी। वर्तमान में हिंदी अधिकारी और हिंदी टंकक के दो पद भरे हुए हैं, जबकि हिंदी अनुवादक के पद पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। यह प्रकोष्ठ कार्यालय आदेशों/परिपत्रों/प्रेस विज्ञप्तियों/प्रपत्रों के अनुवाद और अन्य दैनंदिन प्राप्त दस्तावेजों का अनुवाद प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय के विभिन्न अनुभागों/शाखाओं को राजभाषा कार्यान्वयन में सुविधा प्रदान करता है। हिंदी प्रकोष्ठ हिंदी अधिकारी श्री रूपेंद्र शर्मा की देखरेख में कार्य करता है।
दैनिक पत्राचार में भारत सरकार की राजभाषा नीतियों के प्रचार-प्रसार और क्रियान्वयन से संबंधित नीतियां बनाने के लिए राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय के यूजीसी/शिक्षा मंत्रालय/गृह मंत्रालय /नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (न.रा.का.स.) से प्राप्त निर्देशों/सुझावों का पालन करता है।
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय का राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ विश्वविद्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के मार्गदर्शन में राजभाषा अधिनियम, नियम एवं भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करता है।
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति (रा.का.स.)
अध्यक्ष
कुलपति |
सदस्य
डॉ. विजय शर्मा कुलसचिव, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय |
प्रो. वी.के. गर्ग प्रोफेसर, पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय |
प्रो. पी.के. मिश्रा |
डॉ. राजिन्द्र कुमार सेन |
श्री रूपेन्द्र शर्मा (संयोजक) |
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राजभाषा कार्यान्वयन समिति के निर्देशन/मार्गदर्शन में राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ द्वारा किए जाने वाले दैनिक कार्य नीचे दिए गए हैं:
1. सरकारी पत्राचार में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन
2. विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और अनुभागों/प्रकोष्ठों को मांग पर अनुवाद सेवाएं प्रदान करना
3. कर्मचारियों के उपयोग के लिए द्विभाषी प्रपत्र प्रस्तुत करना
4. विश्वविद्यालय की वेबसाइट का हिंदी संस्करण उपलब्ध कराना
5. राजभाषा कार्यान्वयन समिति की त्रैमासिक बैठकों का आयोजन
6. त्रैमासिक राजभाषा प्रशिक्षण कार्यशालाओं और संगोष्ठियों/विशेष व्याख्यानों आदि का आयोजन।
7. 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाना के विशेष व्याख्यान के साथ
8. 14-28 सितंबर के दौरान हिंदी पखवाड़ा मनाना, जिसमें विभिन्न हिंदी प्रचार और प्रचार गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
9. 10 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाना।
10. 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस का आयोजन